कदम्ब का अधुनातन वानस्पतिक नाम है- रूबियेसी कदम्बा। उसका पुराना नाम था नॉक्लिया कदम्बा। इसे रूबियेसी परिवार से संबंधित माना जाता है।
यह मुख्य रूप से अंडमान, बंगाल तथा आसाम में पाया जाता है। यह पेढ़ बहुत जल्दी बढ़ता है।
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कदम्ब का अधुनातन वानस्पतिक नाम है- रूबियेसी कदम्बा। उसका पुराना नाम था नॉक्लिया कदम्बा। इसे रूबियेसी परिवार से संबंधित माना जाता है।
कदम्ब का अधुनातन वानस्पतिक नाम है- रूबियेसी कदम्बा। उसका पुराना नाम था नॉक्लिया कदम्बा। इसे रूबियेसी परिवार से संबंधित माना जाता है।
यह मुख्य रूप से अंडमान, बंगाल तथा आसाम में पाया जाता है। यह पेढ़ बहुत जल्दी बढ़ता है।
इस पेड़ की ऊँचाई 18 से लेकर 20 मीटर तक होती है। यह परोपजीवी पेड़, सैंटेलेसी कुल का सैंटेलम ऐल्बम लिन्न (Santalum album linn.) है।
बहेड़ा या बिभीतकी (Terminalia bellirica) के पेड़ बहुत ऊंचे, फैले हुए और लंबे होते हैं। इसके पेड़ 18 से 30 मीटर तक ऊंचे होते हैं जिसकी छाल लगभग 2 सेंटीमीटर मोटी होती है। इसके पेड़ पहाडों और ऊंची भूमि में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं।
कुसुम (Carthamus tinctorius एल) एक अत्यधिक branched, घास, थीस्ल की तरह वार्षिक संयंत्र है।
गूलर (Ficus racemosa) फिकस कुल (Ficus) का एक विशाल वृक्ष है। इसे संस्कृत में उडुम्बर, बांग्ला में डुमुर, मराठी में उदुम्बर, गुजराती में उम्बरा, अरबी में जमीझ, फारसी में अंजीरे आदमसकी शाखाओं में से फल उत्पन्न होते हैं। फल गोल-गोल अंजीर की तरह होते हैं और इसमें से सफेद-सफेद दूध निकलता है। इसके पत्ते लभेड़े के पत्तों जैसे होते हैं। नदी के उदुम्बर के पत्ते और फूल गूलर के पत्तों-फल से छोटे होते हैं।