चीकू लगाने का सबसे उपयुक्त समय वर्षा ऋतु है। रोपाई के लिये गर्मी के दिनों में ही 7-8 मी. दूरी पर वर्गाकार विधि से 90 ग 90 ग से.मी. आकार के गड्ढे तैयार कर लेना चाहिए। गड्ढा भरते समय मिट्टी के साथ लगभग 30 किलोग्राम गोबर की अच्छी तरह सड़ी खाद, 2 किलोग्राम करंज की खली एवं 5-7 कि.ग्रा. हड्डी का चूरा प्रत्येक गड्ढे के दल से मिला कर भर देना चाहिये। एक बरसात के बाद जब गड्ढे के बीचों बीच लगा दें तथा रोपने के बाद चारों ओर की मिट्टी अच्छी तरह से दबा कर थाला बना दें।
चीकू
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चीकू में रोपाई के दो वर्ष बाद फल मिलना प्रारम्भ हो जाता है। जैसे-जैसे पौधा पुराना होता जाता है।
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पपीता का वैज्ञानिक नाम कॅरिका पपया ( carica papaya ) यह है।
मूसा जाति के घासदार पौधे और उनके द्वारा उत्पादित फल को आम तौर पर केला कहा जाता है।
नीबू (Citrus limon, Linn.) छोटा पेड़ अथवा सघन झाड़ीदार पौधा है। इसकी शाखाएँ काँटेदार, पत्तियाँ छोटी, डंठल पतला तथा पत्तीदार होता है। फूल की कली छोटी और मामूली रंगीन या बिल्कुल सफेद होती है।
ये अंगूर की बेलों पर बड़े-बड़े गुच्छों में उगता है।
सेब एक फल है। सेब का रंग लाल या हरा होता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे मेलस डोमेस्टिका (Melus domestica) कहते हैं। इसका मुख्यतः स्थान मध्य एशिया है। इसके अलावा बाद में यह यूरोप में भी उगाया जाने लगा। यह हजारों वर्षों से एशिया और यूरोप में उगाया जाता रहा है। इसे एशिया और यूरोप से उत्तरी अमेरिका बेचा जाता है। इसका ग्रीक और यूरोप में धार्मिक महत्व है।