नागदौने की जड कंद के रूप में नीचे की ओर जाती है । वैद्यक में नागदौना चरपरा, कडुआ, हलका, त्रिदोषनाशक, कोठे को शुद्ध करनेवाला, विषनाशक तथा सूजन, प्रमेह और ज्वर को दूर करनेवाला माना जाता है
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हिरडा (इंग्लिश: Myrobalans; लॅटिन: Terminalia chebula) ही दक्षिण आशिया, आग्नेय आशिया व नैऋत्य चिनाच्या जनता-प्रजासत्ताकातील युइन्नान प्रांत या प्रदेशांत उगवणारी एक औषधी वनस्पती आहे. हिरडा स्वास्थ्यसंवर्धक आणि रोगनाशक आहे. औषधात व आरोग्य वाढविणार्या द्रव्यात याचे स्थान महत्त्वाचे आहे. लोक कथेनुसार एकदा इंद्र अमृत पीत असतांना त्यातील काही थेंब पृथ्वीवर सांडले. ते थेंब जेथे सांडले तेथे (त्या थेंबातून) हिरड्याची उत्पत्ती झाली. समुद्र सपाटीपासून २ हजार मी. उंची पर्यंतच्या जमिनीत हिरड्याची झाडे भारतात सर्वत्र आढळतात.
बहेड़ा या बिभीतकी (Terminalia bellirica) के पेड़ बहुत ऊंचे, फैले हुए और लंबे होते हैं। इसके पेड़ 18 से 30 मीटर तक ऊंचे होते हैं जिसकी छाल लगभग 2 सेंटीमीटर मोटी होती है। इसके पेड़ पहाडों और ऊंची भूमि में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं।
सापीन्दूस् मूकोरोस्सी के जंगली पेड़ हिमालय के क्षेत्र में अधिक पाये जाते जाते हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर भारत में तथा आसाम आदि में लगाये हुए पेड़ बाग-बगीचों में या गांवों के आसपास पाये जाते हैं।
महोगनी जीनस स्वेतेनिया की उष्णकटिबंधीय दृढ़ लकड़ी प्रजातियों की एक सीधे-दानेदार, लाल-भूरे रंग की इमारती लकड़ी है|
इस पेड़ की ऊँचाई 18 से लेकर 20 मीटर तक होती है। यह परोपजीवी पेड़, सैंटेलेसी कुल का सैंटेलम ऐल्बम लिन्न (Santalum album linn.) है।