नीलकमल (वानस्पतिक नाम : Nymphaea nouchali) एक प्रकार का कमल है जिसका फूल नीलापन लिए हुए होत है। यह एशिया के दक्षिणी और पूर्वी भाग का देशज पादप है तथा श्री लंका एवं बांग्लादेश का राष्ट्रीय पुष्प है। कभी-कभी मिस्र में पाए जाने वाले नीले कमल (Nymphaea caerulea) को भी इस प्रजाति के अन्तर्गत माना जाता है।
नीलकमल
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नीलकमल (वानस्पतिक नाम : Nymphaea nouchali) एक प्रकार का कमल है जिसका फूल नीलापन लिए हुए होत है।
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सतावर अथवा शतावर (वानस्पतिक नाम: Asparagus racemosus / ऐस्पेरेगस रेसीमोसस) लिलिएसी कुल का एक औषधीय गुणों वाला पादप है। इसे ‘शतावर’, ‘शतावरी’, ‘सतावरी’, ‘सतमूल’ और ‘सतमूली’ के नाम से भी जाना जाता है।
लम्बे समय तक सुगंधित तथा ताजा बने रहने के कारण रजनीगंधा के खुले फूलों और कर्त्तन फूलों का पुष्पविन्यास बनाने, माला बनाने, फूलदान में रखने तथा सजाने में बहुतायत में उपयोग होता है।
कल्पवृक्ष देवलोक का एक वृक्ष। इसे कल्पद्रुप, कल्पतरु, सुरतरु देवतरु तथा कल्पलता इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार समुद्रमंथन से प्राप्त 14 रत्नों में कल्पवृक्ष भी था। यह इंद्र को दे दिया गया था और इंद्र ने इसकी स्थापना सुरकानन में कर दी थी। हिंदुओं का विश्वास है कि कल्पवृक्ष से जिस वस्तु की भी याचना की जाए, वही यह दे देता है। इसका नाश कल्पांत तक नहीं होता। ‘तूबा’ नाम से ऐसे ही एक पेड़ का वर्णन इस्लामी धार्मिक साहित्य में भी मिलता है जो सदा अदन (मुसलमानों के स्वर्ग का उपवन) में फूलता फलता रहता है।
घर की सजावट में पेड़-पौधों का प्रमुख रोल होता है। ये घर को सुंदर बनाने के साथ-साथ आपके घर (morpankhi plant) का वातावरण भी शुद्ध भी रखते हैं।
कमल का पौधा (कमलिनी, नलिनी, पद्मिनी) पानी में ही उत्पन्न होता है और भारत के सभी उष्ण भागों में तथा ईरान से लेकर आस्ट्रेलिया तक पाया जाता है।