बहेड़ा या बिभीतकी (Terminalia bellirica) के पेड़ बहुत ऊंचे, फैले हुए और लंबे होते हैं। इसके पेड़ 18 से 30 मीटर तक ऊंचे होते हैं जिसकी छाल लगभग 2 सेंटीमीटर मोटी होती है। इसके पेड़ पहाडों और ऊंची भूमि में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। इसकी छाया स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है।
बहेड़ा
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बहेड़ा या बिभीतकी (Terminalia bellirica) के पेड़ बहुत ऊंचे, फैले हुए और लंबे होते हैं। इसके पेड़ 18 से 30 मीटर तक ऊंचे होते हैं जिसकी छाल लगभग 2 सेंटीमीटर मोटी होती है। इसके पेड़ पहाडों और ऊंची भूमि में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं।
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पुत्रजीव (वानस्पतिक नाम : Putranjiva Roxburghii)[1] एक औषधीय पादप है। संस्कृत में इसे पुत्रंजीव, गर्भकर, कुमारजीव आदि नामों से जाना जाता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप, जापान, दक्षिणी चीन, न्यू गिनिया आदि का देशज है।
जंगल जलेबी या गंगा जलेबी या किकर (राजस्थान) (वानस्पतिक नाम: Pithecellobium ) एक सपुष्पी पादप है। यह मटर के प्रजाति का है। इसका फल सफ़ेद और पूर्णतः पक जाने पर लाल हो जाता है खाने में मीठा होता है।
हिमालयन क्षेत्र में मिलने वाला दुर्लभ कमीला यानी सिंदूर का पौधा अब मैदानी क्षेत्रों में भी उगाया जाने लगा है।
कनक चंपा (वैज्ञानिक नाम : Pterospermum acerifolium) माध्यम ऊँचाई का एक वृक्ष है जो भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जता है।