लम्बे समय तक सुगंधित तथा ताजा बने रहने के कारण रजनीगंधा के खुले फूलों और कर्त्तन फूलों का पुष्पविन्यास बनाने, माला बनाने, फूलदान में रखने तथा सजाने में बहुतायत में उपयोग होता है।
रजनीगंधा
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लम्बे समय तक सुगंधित तथा ताजा बने रहने के कारण रजनीगंधा के खुले फूलों और कर्त्तन फूलों का पुष्पविन्यास बनाने, माला बनाने, फूलदान में रखने तथा सजाने में बहुतायत में उपयोग होता है।
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मोगरा (वानस्पतिक नाम : Jasminum sambac) एक फूल देने वाला पौधा है
कल्पवृक्ष देवलोक का एक वृक्ष। इसे कल्पद्रुप, कल्पतरु, सुरतरु देवतरु तथा कल्पलता इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार समुद्रमंथन से प्राप्त 14 रत्नों में कल्पवृक्ष भी था। यह इंद्र को दे दिया गया था और इंद्र ने इसकी स्थापना सुरकानन में कर दी थी। हिंदुओं का विश्वास है कि कल्पवृक्ष से जिस वस्तु की भी याचना की जाए, वही यह दे देता है। इसका नाश कल्पांत तक नहीं होता। ‘तूबा’ नाम से ऐसे ही एक पेड़ का वर्णन इस्लामी धार्मिक साहित्य में भी मिलता है जो सदा अदन (मुसलमानों के स्वर्ग का उपवन) में फूलता फलता रहता है।
ब्रह्म कमल (वानस्पतिक नाम : Saussurea obvallata) एस्टेरेसी कुल का पौधा है। सूर्यमुखी, गेंदा, डहलिया, कुसुम एवं भृंगराज इस कुल के अन्य प्रमुख पौधे हैं।