गुलमोहर लाल फूलों वाला पेड़ है। इसकी जन्मभूमि मेडागास्कर को माना जाता है। कहते है कि सोलहवीं शताब्दी में पुर्तगालियों ने मेडागास्कर में इसे देखा था। अठारहवीं शताब्दी में फ्रेंच किटीस के गवर्नर काउंटी डी प़ोएंशी ने इसका नाम बदल कर अपने नाम से मिलता-जुलता नाम पोइंशियाना रख दिया। बाद में यह सेंट किटीस व नेवीस का राष्ट्रीय फूल भी स्वीकृत किया गया। इसको रॉयल पोइंशियाना के अतिरिक्त फ्लेम ट्री के नाम से भी जाना जाता है।
गुलमोरी
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गुलमोहर लाल फूलों वाला पेड़ है। इसकी जन्मभूमि मेडागास्कर को माना जाता है।
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घर की सजावट में पेड़-पौधों का प्रमुख रोल होता है। ये घर को सुंदर बनाने के साथ-साथ आपके घर (morpankhi plant) का वातावरण भी शुद्ध भी रखते हैं।
सतावर अथवा शतावर (वानस्पतिक नाम: Asparagus racemosus / ऐस्पेरेगस रेसीमोसस) लिलिएसी कुल का एक औषधीय गुणों वाला पादप है। इसे ‘शतावर’, ‘शतावरी’, ‘सतावरी’, ‘सतमूल’ और ‘सतमूली’ के नाम से भी जाना जाता है।
लम्बे समय तक सुगंधित तथा ताजा बने रहने के कारण रजनीगंधा के खुले फूलों और कर्त्तन फूलों का पुष्पविन्यास बनाने, माला बनाने, फूलदान में रखने तथा सजाने में बहुतायत में उपयोग होता है।
कल्पवृक्ष देवलोक का एक वृक्ष। इसे कल्पद्रुप, कल्पतरु, सुरतरु देवतरु तथा कल्पलता इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार समुद्रमंथन से प्राप्त 14 रत्नों में कल्पवृक्ष भी था। यह इंद्र को दे दिया गया था और इंद्र ने इसकी स्थापना सुरकानन में कर दी थी। हिंदुओं का विश्वास है कि कल्पवृक्ष से जिस वस्तु की भी याचना की जाए, वही यह दे देता है। इसका नाश कल्पांत तक नहीं होता। ‘तूबा’ नाम से ऐसे ही एक पेड़ का वर्णन इस्लामी धार्मिक साहित्य में भी मिलता है जो सदा अदन (मुसलमानों के स्वर्ग का उपवन) में फूलता फलता रहता है।