पत्थरचट्टा एक प्रकार का पौधा होता है। आयुर्वेद के अनुसार इसमें कई औषधीय गुण होते हैं और ये किड़नी में पथरी की समस्या को खत्म करने में बेहद कारगर होता है।
पत्थर चट्टा
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पत्थरचट्टा एक प्रकार का पौधा होता है। आयुर्वेद के अनुसार इसमें कई औषधीय गुण होते हैं और ये किड़नी में पथरी की समस्या को खत्म करने में बेहद कारगर होता है।
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खिरनी या माइमोसॉप्स हेक्जैंड्रा (Mimosops hexandra) ४०-५० फुट ऊँचा घना वृक्ष है, जो उत्तरी भारत में स्वत: उगता है, अथवा उगाया जाता है। इसमें पीले छोटे फल लगते हैं, जो खाने में काफी मीठे और स्वादिष्ठ होते हैं। वृक्ष की छाल औषधि के कार्य में आती है। बीज से तेल निकाला जाता है। इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है।
यह पौधा सिर्फ डंठल के आकार में लताओं के समान है। हरे रंग के डंठल वाले इस पौधे को सोमवल्ली लता भी कहा जाता है।
नागदौने की जड कंद के रूप में नीचे की ओर जाती है ।
अर्जुन वृक्ष भारत में होने वाला एक औषधीय वृक्ष है।
बहेड़ा या बिभीतकी (Terminalia bellirica) के पेड़ बहुत ऊंचे, फैले हुए और लंबे होते हैं। इसके पेड़ 18 से 30 मीटर तक ऊंचे होते हैं जिसकी छाल लगभग 2 सेंटीमीटर मोटी होती है। इसके पेड़ पहाडों और ऊंची भूमि में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं।