बाँस, ग्रामिनीई (Gramineae) कुल की एक अत्यंत उपयोगी घास है, जो भारत के प्रत्येक क्षेत्र में पाई जाती है। बाँस एक सामूहिक शब्द है, जिसमें अनेक जातियाँ सम्मिलित हैं। मुख्य जातियाँ, बैंब्यूसा (Bambusa), डेंड्रोकेलैमस (नर बाँस) (Dendrocalamus) आदि हैं। बैंब्यूसा शब्द मराठी बैंबू का लैटिन नाम है। इसके लगभग २४ वंश भारत में पाए जाते हैं।
बाँस
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बाँस एक सपुष्पक, आवृतबीजी, एक बीजपत्री पोएसी कुल का पादप है।
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गूलर (Ficus racemosa) फिकस कुल (Ficus) का एक विशाल वृक्ष है। इसे संस्कृत में उडुम्बर, बांग्ला में डुमुर, मराठी में उदुम्बर, गुजराती में उम्बरा, अरबी में जमीझ, फारसी में अंजीरे आदमसकी शाखाओं में से फल उत्पन्न होते हैं। फल गोल-गोल अंजीर की तरह होते हैं और इसमें से सफेद-सफेद दूध निकलता है। इसके पत्ते लभेड़े के पत्तों जैसे होते हैं। नदी के उदुम्बर के पत्ते और फूल गूलर के पत्तों-फल से छोटे होते हैं।
कदम्ब का अधुनातन वानस्पतिक नाम है- रूबियेसी कदम्बा। उसका पुराना नाम था नॉक्लिया कदम्बा। इसे रूबियेसी परिवार से संबंधित माना जाता है।
इस पेड़ की ऊँचाई 18 से लेकर 20 मीटर तक होती है। यह परोपजीवी पेड़, सैंटेलेसी कुल का सैंटेलम ऐल्बम लिन्न (Santalum album linn.) है।
इसके फल लाल से भूरे रंग के होते हैं, तथा स्वाद में बहुत खट्टे होते हैं।